Aap mein Roop Bhagwan ka
Aap mein Roop Bhagwan ka

आपमे रूप भगवान का मिल गया

( Aap mein  roop bhagwan ka mil gaya ) 

 

आप सा हमसफर हमनवा मिल गया
घुप अंधेरे में जैसे दिया मिल गया

लोग जलने लगे मेरी तकदीर से
जबसे मेरा तुम्हारा सिरा मिल गया

पाँव रखने को दिल की ज़मीं मिल गई
सर टिकाने को काँधा तेरा मिल गया

दूर से मंजिल ए इश्क दिखने लगी
आप आये तो वो रास्ता मिल गया

सारे गम रंज दुख खुद ही खोने लगे
ऐसा माहौल जो खुशनुमा मिल गया

वो जो चाहत थी दिल मे दबी जन्मों से
आज उसका मुक़द्दर जगा मिल गया

आपने धड़कने दे दीं दिल को नईं
टूटी स्वांसों को जीवन नया मिल गया

हमसफर आप तो सच में वरदान हो
आप मे रूप भगवान का मिल गया

राज की जिंदगी बन गये आप तो
मानो उसको जनम दूसरा मिल गया

 

रचनाकार: ग़ज़लराज

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