आये हो जब से तुम मेरी जिंदगी में
आये हो जब से तुम मेरी जिंदगी में

आये हो जब से तुम मेरी जिंदगी में

 

 

आये हो जब से तुम मेरी जिंदगी में

भूल गया हूँ दर्द ग़म सब  ख़ुशी में

 

बोलकर क्या मैं बताऊँ हाले दिल अब

लिख डाली है बातें सब शाइरी में

 

दोस्त बनकर रह हमेशा तू मेरा ही

कुछ नहीं रक्खा है देखो दुश्मनी में

 

छोड़ दे तू मयकशी दिल से अपनें  ही

चैन दिल को है ख़ुदा की बंदगी में

 

छोड़ दें चलना ज़रा इस राह पे तू

ग़म मिलेगा उम्रभर इस आशिक़ी में

 

प्यार को तू प्यार ही रखने दें दिल में

तोड़ मत रिश्ता यूं मुझसे बेरुख़ी में

 

दिल नहीं लगता बिना तेरे आज़म का

छोड़कर जब से तू गया नाराज़गी में

 

 

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शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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