आयी देखो फुहार सावन की

आयी देखो फुहार सावन की | Aazam Poetry

आयी देखो फुहार सावन की

( Aayi dekho phuhaar sawan ki )

 

 

आयी देखो फुहार सावन की !

खिल रही है बहार सावन की

 

बूंदों में सरगम उल्फ़त की ऐसी

दिल करे  बेक़रार सावन की

 

प्यास तन की जाने बुझेगी कब

कर रहा  इंतिजार सावन की

 

गीत गाये ग़ज़ल यादों में ही

रोज़ दिल पे ख़ुमार सावन की

 

सूखा मौसम अच्छा नहीं लगता

बरसें बरसात यार सावन की

 

नफ़रतों की दयार रोके है

बूंदों में है वो प्यार सावन की

 

दूर नफ़रत की बू रहे हर पल

 बरसें आज़म पे बहार सावन की

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें : –

बेवफ़ाई का इशारा कर गया | Bewafa par Ghazal

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *