बेवफ़ाई का इशारा कर गया
( Bewafai ka ishara kar gaya )
बेवफ़ाई का इशारा कर गया
जिंदगी को बेसहारा कर गया
बन गया हूँ ग़ैर उसकी नजरों में
आज राहों में किनारा कर गया
रात दिन आये ख़्वाबों में मेरी ही
दिल घायल चेहरा तुम्हारा कर गया
तल्ख़ बातें वो मिला के प्यार में
प्यार को वो आज ख़ारा कर गया
तोड़कर दिल प्यार भरा वो कल मगर
ग़म भरा दिल वो हमारा कर गया
फ़ूल क्या देता तुझे “आज़म” वही
प्यार में वो ही ख़सारा कर गया