अब वो चेहरा नजर नहीं आता
अब वो चेहरा नजर नहीं आता
गुम कहां है इधर नहीं आता
वो अगर मिलता ही नहीं मुझसे
चैन दिल को मगर नहीं आता
दोस्ती उससे तोड़ देता मैं
आज मिलनें वो गर नहीं आता ।।
लग रहा है नाराज़ रब मुझसे ।
अब दुआ में असर नहीं आता
हो गया मुझसे वो खफ़ा शायद
वो मुझे मिलने घर नहीं आता
रोज़ रहती खलिश सी दिल में ही
ये तेरा ख़त अगर नहीं आता ।।
प्यास कैसे बुझेगी ए आज़म
प्यार का अब्र क्यों इधर नहीं आता