अबसे | Abse
अबसे
( Abse )
अबसे मैं नही सताऊं गा तुझ को
तुझ से प्यार सिखाऊंगा खुद को
सास रूकसी गई जबसे सोचा था
अब उनसे दूर लेजाऊंगा खुद को
हिचकीयो ने आना बंद कर दिया है
पर में कभी ना भुलाऊगा तुझको
एक आरजू है मेरी तू वापस आए
फिर मैं दिल मे बसाउगा तुझ को
आज जो मुझे जुगनू समझ रहें है
उनसे ही सूरज बुलवाउगा खुद को
ये जो तारीफ के पुल बांध रहे हैं
गुलफाम इनसे ही बचाएगा तुझको
फिर तू मुझे याद रख या भुला दे
मैं तो जान सरपर बिठाऊंगा तुझको
डॉ. एमडी गुलफाम
पता : सरधना मेरठ उत्तर प्रदेश
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