अक्सर छूट जाता है

( Aksar Chhoot Jata hai ) 

 

वो एहसास जो होता है अस्तित्व की गहराइयों में
उलझनों को झकझोर के भी बात नहीं बनी

कुछ तो बिखर गया कहीं दिल की गहराइयों में
एहसासों को मरते देखा है अपने अंतर्मन में ।

वो कल भी नहीं जानते थे वो आज भी अनजान है
जिंदगी तेरी फ़ितरत में कितने बेईमान है ।

खनक रहीं हँसी वो पुरानी कहीं परछाई में
ढूंढते ही नहीं अब नई रवानी में ,

नम आँखों के गम भुलाने की होड़ में
कुछ खो गया कहीं आंसुओ की दौड़ में।

खुद से वादा जो किया जीत जाने का
बदलते मंजर में वक्त आया तो बस बीत जाने का।

 

Dr. Priyanka Mishra
( IELTS Trainer )

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