
हौसलों की उड़ान
( Hauslon ki udaan )
नामुमकिन को भी मुमकिन हम करके दिखाएंगे,
अभी तो चांद तक पहुंचे हैं,सूरज पर भी तिरंगा फहराएंगे।
चांद पर उतरा चंद्रयान , हो रही सबको हैरानी ।
युगों युगों तक याद रहेगी , अपनी सबको कहानी ।
इसरो ने कमाल कर दिया, यह बात है सबने मानी।
हम हैं हिंदुस्तानी, बोलो हम हैं हिंदुस्तानी….
हमने भारत मां का परचम ,चांद पे है फहराया ,
अब सबका आसान हो गया ,चांद पे आना जाना
भारत मां के जयकारों से ,गूजेंगी दुनिया सारी ।
हम हैं हिंदुस्तानी, बोलो हम हैं हिंदुस्तानी…..
ठान लिया हमने मन में,वो है करके दिखलाया।
मंगल ग्रह हो या हो चंद्रमा ,सब पर शुरू हो गया आना जाना।
बुध,शुक्र और बृहस्पति ,से जुड़ेगी प्रीति हमारी।
हम हैं हिंदुस्तानी, बोलो हम हैं हिंदुस्तानी…
कोई रोक सके ना हमको , किसी में इतनी ताकत।
हम बच्चे हैं भारत मां के, हम में बसता है भारत।
भारत मां के कदमों में अब झुकेगी दुनियां सारी
हम हैं हिंदुस्तानी, बोलो हम हैं हिंदुस्तानी…..
हम ऐसी कस्ती है जो, तूफानों से लड़ जाएं।
जिद पे गर आ जाएं तो, पर्वत रस्ता दे जाएं।
अभी चांद पर पहुंचे हैं,सूरज पर भी है जाना।
विश्वगुरु के साथ देश को ,ब्रह्मांड गुरु है बनाना
हम हैं हिंदुस्तानी, बोलो हम हैं हिंदुस्तानी
रूबी चेतन शुक्ला
अलीगंज ( लखनऊ )
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