अंजुमन हम सजा के बैठ गये | Anjuman Shayari
अंजुमन हम सजा के बैठ गये
( Anjuman Hum Saja ke Baith Gaye )
अंजुमन हम सजा के बैठ गये
वो भी पहलू में आके बैठ गये
वो तसव्वुर में आके बैठ गये
हम भी बोतल सजा के बैठ गये
हमसे करते हो प्यार जब पूछा
बस वो नज़रें झुका के बैठ गये
होश उड़ने लगे हमारे जब
साक़िया मुस्कुरा के बैठ गये
हमने छेड़ा ज़रा सा क्या उनको
वो तो चेहरा घुमा के बैठ गये
हुस्न का छा गया नशा हम पर
वो तो जलवा दिखा के बैठ गये
हमने जज़्बात अपने कह डाले
वो भी अपनी सुना के बैठ गये
उनकी यादों के हम तख़य्युल में
दीप सारे जला के बैठ गये
हमने उनको बुलाया जब साग़र
वो भी दुनिया भुला के बैठ गये
कवि व शायर: विनय साग़र जायसवाल बरेली
846, शाहबाद, गोंदनी चौक
बरेली 243003
तख़य्युल– कल्पना ,तसव्वुर
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