अपनी हिंदी

( Apni Hindi ) 

 

संस्कृत की बेटी है हिंदी
भारत माता के माथे पर
बिंदिया सी सब को भाई है!
भारत राष्ट्र के कई राज्यों से
विदेशों में गौरवान्वित होकर
हिंदी ने भारत की शान बढ़ाई है।।

हिंदी ही हमारी मातृभाषा
हिंदी ही हमारी पहचान है !
राजभाषा ,राष्ट्रभाषा हमारी
ये और यही हमारा सम्मान है
भारत को गौरवान्वित करती,
कण कण में हिंदी विद्यमान है।।

हिंदी अवशोषित करती है
सभी भाषाओं को स्वयं में,
अंग्रेजी का भी करती सम्मान है
भाषा मिलजुल कर हिंदी में रहती
संगम भी हिंदी की एक पहचान है
इसीलिए हिंदी सरल शोभायमान है।।

शुद्ध सरल और सात्विक हिंदी ही
हमारे उत्तर भारत में बोली जाती है
और राज्यों में घुल मिलकर हिन्दी,
सबके साथ मिस्री सी घुल जाती है
यही तो हमारी हिंदी का श्रेष्ठ काम है
हिंदी भाषा पर मुझे स्वाभिमान है।।

 

आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर – मध्य प्रदेश

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