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राधा रंग में हुई रंगीली | Kavita Radha Rang mein Hui...

राधा रंग में हुई रंगीली ( Radha rang mein hui rangili )    ये भरी सभा में रागरंग ये मौसम मस्ताना है। ये मतवाले ये भांग भंग हर...

निर्भीक बनो आक्रामक नहीं | Kavita Nirbhik Bano

निर्भीक बनो आक्रामक नहीं ( Nirbhik bano akramak nahin )    निडर बने निर्भीक बने स्वाभिमानी बन जाए। आक्रामक स्वभाव उग्र मित्र कभी ना बनाए। बुलंद हौसलों से बुलंदी...

हां नारी हूं मैं | Nari Poem

हां नारी हूं मैं ( Haan naari hoon main )    पग पग संभल रही , कहा किसी परिस्थिति से हारी हूं मैं निकाल लेती मार्ग खुद अपना हां नारी...

होली देखो आई रे | Poem Dekho Holi Aayi Re

होली देखो आई रे! ( Holi dekho aayi re )    मल दे अबीर मोहें, होली देखो आई रे! तन-मन पे मस्ती छाई रे! होली देखो आई रे! नयना से नयना...

सागर फैला दर्द है पर्वत फैली पीर | Dohe Sagar Phaila...

सागर फैला दर्द है पर्वत फैली पीर ( Sagar phaila dard hai parwat phaile peer )    सागर फैला दर्द है, पर्वत फैली पीर। अश्रुधार मोती बरसे, नैना...

नये दिनमान भाग्य हमारे | Geet Naye Dinman Bhagya Hamare

नये दिनमान भाग्य हमारे ( Naye dinman bhagya hamare )   किस्मत के तारे दमके, खुल गये भाग्य के द्वार। बदल रहे दिनमान हमारे, स्वागत करते बारंबार। स्वागत करते...

मिस्टी सी मुस्कान | Meri Beti Poem

मिस्टी सी मुस्कान ( Misty si muskan )   मिस्टी सी मुस्कान बेटी बनो देश की शान आसमां की सैर करो तुम उंची उड़ो उड़ान पंख लगाकर सपनों को...

चीनी है मीठा ज़हर | Chini par Kavita

चीनी है मीठा ज़हर ( Chini hai meetha zehar )    गुड़ सभी खाओ लेकिन यह चीनी कोई न खाओ, समझो और समझाओं यह बात सबको बताओ। यही चीनी...

मैं पेड़ हूँ | Ped par Kavita

मैं पेड़ हूँ ( Main ped hoon )   मैं हूॅं एक जंगल का पेड़, फैला हूँ दुनिया और देश। निर्धन या कोई हो धनवान, सेवा देता में सबको समान।। जीवन...

गोंदिया शहर तथा अन्य शहरों के रचनाकारों की रचनायें वाणी-प्रकाशन से...

शीर्षक "फिर मौसम बदला है" यह देश के चुनिंदा रचनाकारों का साझा संकलन है जिसमें शायर-गीतकार विनय 'साग़र' जायसवाल बरेली, शिव शर्मा गोंदिया, सुनीता...