बारिश के नाले

बारिश के नाले | Baarish ke Naale

बारिश के नाले

( Baarish ke naale )

 

बहुत जोर की ऐसी गर्मी पड़ी,
हालत ख़राब फिर सबकी हुई।
कुलर एवं पंखो ने दिया जवाब,
देखें सभी मानसून के ख़्वाब।।

रोड़ और नाले बन रहें थें नए,
गाँव-शहर में काम चल रहे नए।
अभी पूरा नही हुआ था यें काम,
वर्षा ने शुरु किया अपना काम।।

एक नही एवं दो दिन भी नही,
बरसता ही रहा पखवाड़ा तक।
नाली और नाला सब टूट गये,
रोड़ व रास्ते सारे जाम हो गये।।

फिर नाला रोड़ सब साफ हुआ,
तब जाकर ये पानी आगे गया।
साफ रखें नाला नाली और रोड़,
ना ड़ाले पोलोथीन कचरा रोड़।।

रखें साफ व सफाई चारों और,
मक्खी मच्छर पनपे नही और।
बारिश के यह नाले का है सीन,
याद आता बचपन का वो सीन।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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