बचपन वाली ड्रेस

( Bachpan wali dress ) 

 

मेरे बचपन की वो नीली ड्रेस मेरे सबसे खास है,
आज भी सहेजे हुए वो अलमारी में मम्मी के पास है।

उससे जुड़ी कई बचपन की यादें हैं,
बहुत ही हसीन वो झूले पर उससे जुड़ी बातें है।

देखता हूं आज भी मां को जब उसे संभालते,
ऐसा लगता है मानो,मुझे ही बचपन के जैसे छू रही हो, हाथों से अपने सहलाते।

जब भी पूछता हूं इस नीली ड्रेस को संभाले रखने की वजह,
मां कहती है,चुप कर,अलमारी में ही नहीं,
इसकी तो है मेरे दिल में भी जगह।

सुनकर उनका ये जवाब बड़ा सुकून मिलता है,
मेरी हर बात का जवाब आज भी बस मां के पास मिलता है।

यूं तो बहुत सी चीज आज भी संभाली पड़ी है,
पर ना जाने क्यों,इस नीली ड्रेस से कुछ खास बात जुड़ी है।

ये ड्रेस मेरे दिल के बेहद करीब है,
इससे जुड़ा किस्सा भले अजीब है।

मेरी मां को जो सबसे खास,
उनके दिल के पास है,
वही मेरे लिए पसंदीदा चीज मेरी सबसे खास है।।

 

रचनाकार : योगेश किराड़ू
बीकानेर ( राजस्थान )

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