बालिका दिवस

( Balika Divas ) 

 

बेटियां अब आतुर हैं, आगे कदम बढ़ाने को

पुनीत कर तन मन,
निहार रहीं धरा गगन ।
सौम्य सी मुस्कान लिए,
निज ही निज सह मगन ।
दृढ़ संकल्पित होने लगीं,
मंजिल अपनी पाने को ।
बेटियां अब आतुर हैं, आगे कदम बढ़ाने को ।।

खोज रही है नई राह,
दिव्य मृगनयनी दृष्टि से ।
साहस उनका जाग उठा ,
आत्मविश्वासी वृष्टि से ।
बहा रहीं खूब पसीना ,
विजयी गीत सुनाने को ।
बेटियां अब आतुर हैं,आगे कदम बढ़ाने को ।।

अंतर्मन अथाह उमड़ रहा,
जोश उत्साह उमंग ।
शिक्षा दीप्ति ओज संग,
बदल रहीं जीवन ढंग ।
ऊर्जस्वित हुई चूड़ी खनक,
असंभव शब्द मिटाने को ।
बेटियां अब आतुर हैं, आगे कदम बढ़ाने को ।।

स्नेह प्रेम अनंत सरिता
अंतरतम मधुर विमल धार ।
संबंध अपनत्व सुपर्याय,
व्यवहारिकी मधुरिमा अपार ।
कामयाबियां पास आ रहीं,
अब उन्हें गले लगाने को ।
बेटियां अब आतुर हैं,आगे कदम बढ़ाने को ।।

बोर्ड हो या आई ए एस परीक्षा ,
नित सुशोभित उत्तम स्थान ।
खेलकूद व अन्य क्षेत्र पर,
भर रहीं हौसली उड़ान ।
अथक जप तप साधना,
समानता परचम लहराने को ।
बेटियां अब आतुर हैं, आगे कदम बढ़ाने को ।।

 

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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