बापू से गुहार | Bapu se Guhar
बापू से गुहार
( Bapu se guhar )
प्यारे बापू आज अगर तुम इस युग में जिंदा होते।
हम जैसे निष्क्रिय लोगों के बीच में तुम जिंदा होते ।
देख के सारी चाल कुचालें तुम बापू,
निश्चय ही हम सब से तुम शर्मिंदा होते । 1
आओ बापू अब फिर से तुम भारत में आओ।
आज के नेताओं को तुम आ कर समझाओ।
शिक्षाएं तुमने दी थी उनको बिल्कुल भूल गए,
आकर के इनको कुछ पाठ प्रेम के पढ़वाओ। 2
तुम तो राष्ट्रपिता बन सबके दिल में रहते हो।
फिर क्यों अपने मन की बातें ना कहते हो।
क्या डर जाते हो इस युग के नेताओं से तुम ,
अब क्यूँ नहीं मेरे मन आकर बस जाते हो । 3
नाम तुम्हारा लेकर देश के हिस्से कर डाले।
सपने देखे तुमने उस देश के हिस्से कर डाले।
दो देशों के मालिक दो नेताजी बन गए तभी,
तुम्हारे विचार भी तो चुपके से कुतर डाले । 4
लेकर नाम तुम्हारा इस देश की सत्ता संभाली थी ।
अपनी बातें अपनी इच्छा देश के ऊपर डाली थी ।
छोड़कर तुमको बापू मार्क्स आइडल बन बैठे,
गांधीवाद की अर्थी तो मिलकर तभी सजाली थी । 5
कितने अनुयाई रहे तुम्हारे उस पराधीन भारत में।
सन 50 में ही नहीं 46 में भी तुमको मारा भारत में ।
सारे दुनिया में नाम तुम्हारा अहिंसा वादी लेते हैं,
तुम्हारे अनुयाई भी अब नफरत फैलाते हैं भारत में । 6
यह सच है बापू तुम कभी ना वापस आ पाओगे ।
इस भारत में गांधीवादी में भी अब गांधी ना पाओगे ।
नाम तुम्हारा बेच-बेचकर अपने घर बनाएं जो,
उनके घर में तुम बापू दो पल भी ना रह पाओगे। 7
प्रवल प्रताप सिंह राणा “प्रवल”
बैंगलुरू ( कर्नाटक )
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