1.मैं चाँद तोड़ लाऊँ, जुगनू को साथ ले कर | तारों को भी ले आऊँ, मुस्कान तेरी कह कर | रुख मोड दूँ हवा का, जब-जब तू मुस्कुराये | बादल हो जाएं घनेरे, तेरी जुल्फ जो लहराये |
–>इजाजत मिल जोे मुझे, मेहबूब की नजर से ||
2.तेरे आगे सब जहाँ के, फीके पड़े हैं चेहरे | गालों पे लटकी जुल्फें, जो दे रही हैं पहरे | हांथो मे डाला कंगन, नौ लख्खा है गले पर | क्या गजब ढ़ा रहा हैं, कानों मे पहना झुमका |
–>इजाजत मिले जो मुझे, मेहबूब की नजर से ||
3.तेरे दांत जैसे मोती, लिपटा बदन में सोना | हीरे की सी चमक है, पारो कहूँ या मोना | चाँदी की सी चमक की, माथे लगाई बिन्दिया | सर की ये तेरी चुनरी ने, चुराई है मेरी निन्दिया |
–>इजाजत मिले जो मुझे, मेहबूब की नजर से ||
4.हिरनी सी चाल उसकी, चलती है जब मटक के | बिजली गिराती नजरें, देखे वो जब पलट के | बारिस सी जब-जब बरसें, कायल हुए अदा पर | न जाने कितनी बारी, घायाल हुए हम उन-पर |
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