बस गयी दिल में बेबसी इतनी!
बस गयी दिल में बेबसी इतनी!

बस गयी दिल में बेबसी इतनी

 ( Bas gayi dil mein bebasi itni )

 

बस गयी दिल में बेबसी इतनी!

हो गयी दूर जब ख़ुशी इतनी

 

वरना रोना पड़ेगा जीवन भर

मत कर यूं ही आशिक़ी इतनी

 

देख वरना दग़ा मिलेगा  यूं

मत कर तू  गहरी दोस्ती इतनी

 

फ़ूल लें लें वफ़ा मुहब्बत का

की न अच्छी  नाराज़गी इतनी

 

तू निभा लें वफ़ा मुहब्बत को

प्यार में मत दें बेदिली इतनी

 

हर  जगह वो आज़म नजर आये

उसकी है दिल में बेख़ुदी  इतनी

 

 

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें : –

सिलसिला जब से मुहब्बत का हुआ | Romantic Poetry

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here