बधाई बजे यशोदा द्वार | Poetry On Krishna Janmashtami
बधाई बजे यशोदा द्वार
( Badhai baje yashoda dwar )
-कृष्ण ने लिया मनुज अवतार
लयबद्ध—–
बधाई बजे यशोदा द्वार,
कृष्ण ने लिया मनुज अवतार।।
उस कंस ने जुल्म उचारा,
बहना को जेल में डारा।
रात में हो गए यमुना पार।।
कृष्ण ने लिया ——
भादो कृष्ण अष्टमी कारी,
बेटा जन्मा था बलकारी।
रात में कर दिया यमुना पार।
कृष्ण ने लिया—–
मां यशोदा ने पाला,
गोकुल का बना ग्वाला।
गोपीयन का प्रेम आधार ।।
कृष्ण ने लिया—-
राक्षसी पूतना को मारा,
सकटासुर को संहारा।
दिया मामा कंस को मार।
कृष्णने लिया—-
द्रोपदी का चीर बढ़ाया ,
दुस्सासन भी चकराया ।
गया खेंच खेंच कर हार।
कृष्ण ने लिया —-
जब भक्त सुदामा आया,
बड़े प्रेम से गले लगाया।
बताया अपना सच्चा यार।
कृष्ण ने लिया—-
सारथी अर्जुन का बन जाए,
हर नीति उसे बताएं।
सीखा जांगिड़ गीता सार।
कृष्ण ने लिया——-
कवि : सुरेश कुमार जांगिड़
नवलगढ़, जिला झुंझुनू
( राजस्थान )