बता दो सब मेरी खता मुझको | Ghazal Meri Khata
बता दो सब मेरी खता मुझको
( Bata do sab meri khata mujhko )
बता दो सब मेरी खता मुझको,
दूर रहकर न दो सजा मुझको।।
टूट जाउंगा बिखर जाऊंगा,
अश्क मोती नहीं दिखा मुझको।।
मैं तेरा गुनहगार हूं या नहीं,
तूं अपना फैसला सुना मुझको।।
जिसके खातिर सहे हैं सितम,
उसने भी बेवफा कहा मुझको।।
मैं तेरे नाम से डर जाता हूं,
सामने आकर न डरा मुझको।।
दिये के पास अंधेरा होगा,
शेष ये बात न बता मुझको।।