बेरुख़ी दिल से ज़रा ये छोड़िए भी
बेरुख़ी दिल से ज़रा ये छोड़िए भी
बात जो इजहार हमसे कीजिए भी!
बेरुख़ी दिल से ज़रा ये छोड़िए भी
यूं न हमको सनम नजरें अंदाज करो
की हमारे बारे में सनम सोचिए भी
यूं न आंखें दिखाओ नजाकत भरी
प्यार की हमको नजरों से देखिए भी
जोड़लो रिश्ता हमेशा के लिये ही
प्यार की ही फूल हमसे लीजिए भी
बोल दो बातें बसी दिल में तुम्हारे
यूं न आंखों से इशारे दीजिए भी
ढ़ल जायेगी ये जवानी एक दिन तो
यूं सनम ख़ुद पे इतना मत रीझिए भी
ठंडे में ही क्या मज़ा पीने में जानम
चाय आज़म से उल्फ़त की पीजिए भी