![Khatarnak Attitude Shayari Khatarnak Attitude Shayari](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2023/01/40-696x464.jpeg)
Khatarnak Attitude Shayari
( खतरनाक ऐटिटूड शायरी )
आधुनिकता से मैं उकता गया हूँ।
दौर फिर से पुराना चाहता हूं।।
हक़ की लड़ाई इसलिए भी हम नहीं लड़े
ताकि हमारे हक़ मे हमारा कोई तो हो
इरादों का मैं पक्का हूँ ख़ुदाया
सहन कर सब सुधर जाऊँँगा मैं भी
जो हमसफ़र के साथ कटे वो है जिंदगी
इतनी सी बात सीख ली खानाबदोश से
हमारे दौर का हाकिम ग़जब के काम करता है
कहीं नलका नहीं होता कहीं पानी नहीं होता