Khatarnak Attitude Shayari

Khatarnak Attitude Shayari

( खतरनाक ऐटिटूड शायरी ) 

 

आधुनिकता से मैं उकता गया हूँ।
दौर फिर से पुराना चाहता हूं।।

 

हक़ की लड़ाई इसलिए भी हम नहीं लड़े
ताकि हमारे हक़ मे हमारा कोई तो हो

Khatarnak Attitude Shayari

 

इरादों का मैं पक्का हूँ ख़ुदाया
सहन कर सब सुधर जाऊँँगा मैं भी

 

जो हमसफ़र के साथ कटे वो है जिंदगी
इतनी सी बात सीख ली खानाबदोश से

Khatarnak Attitude Shayari

 

हमारे दौर का हाकिम ग़जब के काम करता है
कहीं नलका नहीं होता कहीं पानी नहीं होता

 

 

 

 

 

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