भजन राम जी का
भजन राम जी का
चंदा जिसकी करे आरती सूरज करे प्रणाम
आओ जप लें हम भी भक्तों उसी राम का नाम
बोलो राम राम राम ,बोलो राम राम राम
रघुकुल के नंदन हो तुम ही हमसब के रखवाले
युद्ध भूमि में जाकर तुमने कितने पापी तारे
संतों की रक्षा में तुमने लड़े बहुत संग्राम ।।
बोलो राम राम राम ——-
प्रेम भाव से सबरी के प्रभु झूठे बेर भी खाये
भेद तुम्हारी प्रीत रीत का लक्ष्मण समझ न पाये
बाली के अन्याय को रघुवर तुमने दिया विराम ।।
बोलो राम राम राम——-
जो हैं भक्त तुम्हारे उनके बड़े भाग्य भगवंता
उनके तो सम्मुख रहते हैं प्रतिपल ही हनुमंता
बन जाते हैं भक्तों के सब क्षण में बिगड़े काम ।।
बोलो राम राम राम——
मेरे उर में श्रद्धा के प्रभु तुमने दीप जलाये
नंदन वन में ले जाकर आनंदकंद खिलवाये
साग़र का हर रोम पुकारे तुमको आठोयाम ।।
बोलो राम राम राम ——-
मिला है मुझको गुरु चरणों से यह सारा प्रसाद
मेरे दिल से मिटा दिया है लोभ मोह उन्माद
गुरु सेवा से ही मिलता है परमेश्वर का धाम ।।
बोलो राम राम राम ,बोलो राम राम राम ।।
कवि व शायर: विनय साग़र जायसवाल बरेली
846, शाहबाद, गोंदनी चौक
बरेली 243003
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