खाना | Bhojpuri kahani
” खाना ”
( Khana )
बहुत पहिले के बात हऽ। एगो देश में एगो राजा रहत रहे। उ बहुत भुखड रहे। रोज रोज नया नया तरह के खाना खाइल ओके शैक रहे । एक बार उ आपन मंत्त्री से कहलक कि देश में ढिंढोरा पिटवा देवे के कि जे केहूं राजा के सबसे अच्छा खाना बना के खियाई ओके राजा खुब रोपया पईसा अउर धन दौलत दिहन ।
भियान भइले पुरा देश में मंत्री ई डुग- डुगी पिटवा देलक कि जे राजा के सबसे अच्छा खाना बना के खियाई ओके राजा खुब रोपया पईसा अउर धन दौलत दिहन । ई बात आगी निहर पुरा देश में फईल गईल ओके बाद रोज रोज लोग आके राजा के अच्छा अचछा खाना बना के खियावे लागल अउर राजा रोज-रोज अच्छा खाना खाये लगने ।
जेभी आवे खुब अच्छा खाना बना के खियावे तऽ राजा खाना खालेस अउर खा के कहस खाना अच्छा नईखे भइल । रोज-रोज उ अईसने करें लगने । ई बात सब जगह फईल गईल कि राजा खाना ख़ाके कहताने कि खाना अच्छा नईखे भईल । फिरु ई बात जब एगो किसान सुनलक तऽ राजा के पास आके खाना बनाके खियावे के निश्चय कईलक ।
भियान होके सुबह में हि उ राजा के पास निकल पड़ल अउर राजा के पास पहुंच के राजा से कहलक कि हम रउआ के सबसे अच्छा खाना बना के खियायेम मगर एगो शर्त बा।
ई सुन राजा पुछने कि का शर्त बा तऽ किसान कहलक कि रउआ सात दिन लेक कुछु नईखे खायेके अउर रउआ हमरे साथे रहेके के बा । राजा ई बात मान गईल अउर खाना खाइल सात दिन ला छोड़ देलक अउर किसान के साथे सात दिन ला रहे लागल।
जहिया सात दिन पुरा भईल तऽ किसान बहुत सादा खाना बनईलक अउर राजा के परोसलक। राजा बहुत भुखाईल रहने एला खाना मिलते हि जल्दी जल्दी खाये लगने अउर खुब पसन्द से खईने अउर जब खा लेने तऽ किसान से कहने कि खाना बहुत अच्छा भईल बा तु केतरे एतना अच्छा खाना बनईलऽ हवऽ त किसान कहलक कि हम कुछ अलग ना कईनी हऽ बस सादा खाना खियईनी हई।
रउआ रोज रोज अच्छा अच्छा खाना खात रहनी हई एला राउर पेट भरल रहत रहे तऽ खाना अच्छा ना लागत रहे लेकिन जब रउआ सात दिन के भुखाईल रहनी तऽ सादा खाना भी रउआ अच्छा लागल हऽ अउर जब राज ई बात सुनलक तऽ उ बहुत खुश भईल अउर खाना के महत्व के समझल अउर किसान के बहुत ढेर सारा रोपया अउर पईसा देके विदा कईलक ।