सुमा मण्डल की कविताएं | Suma Mandal Poetry
माया की शक्ति ठंडी हवा का झोंका हूंँ,बहती हूँ शीतल मन्द-मन्द।स्पर्श से मेरे,हो जाते हैं आँखें बंद।। चंचल नदी की धारा हूंँ,नित बहती हूँ कल-कल।स्पर्श से हो जाती समस्याएंँ हल।। शांत सागर का लहर हूंँ,उफान से मचा देती भूचाल।निकट आने वालों का हो जाता है बुरा हाल।। नारायण की मैं माया हूँ,नयन बाण में अदम्य…