Nikamma

निकम्मा | Nikamma

उसे सभी निकम्मा कहते थे। वैसे वह 15 — 16 साल का हो चुका था लेकिन उसका मन पढ़ने लिखने में नहीं लगता था । यही कारण था कि कई कई बार तो वह फेल होने से बच गया। उसे नहीं समझ में आ रहा था कि आखिर कैसे पढ़ाई करू कि जो मुझे लोग…

Cigarwala Chora

सिगारवाला छोरा | Cigarwala Chora

सायंकाल का वक्त है । सूरज डूबना चाहता है परंतु अपनी लालिमा को प्रकृति की मोहकता बिखेर रहा है । वहीं बेंच पर बैठा एक छोरा चारों ओर देखा है। उसके चेहरे को देखकर ऐसा लग रहा है वह कुछ पाना चाह रहा है। मैं भी उसी बेंच पर बैठ गया। मैं शांत चित्त बैठा…

एक शिक्षक की आत्मकथा

जिंदगी का सफरनामा ( एक शिक्षक की आत्मकथा )

भाग : 1 मैं बचपन से अंत: प्रवृति का व्यक्ति रहा हूं। जिसने बोल दिया तो बोल दिया मैं तो चुप रहना मैं ज्यादा धमाचौकड़ी भी नहीं करता था। हां लेकिन जब मुझे कोई परेशान करता था तो मैं उसकी धुनाई करने से भी बाज नहीं आता था । गांव में उस समय तक एक…

बदलाव की नींव | Badlav ki Neev

बदलाव की नींव | Badlav ki Neev

श्याम एक सामान्य घर का लड़का था। वह विश्वविद्यालय परिसर के हॉस्टल में रहता था । एक दिन देखता है कि बहुत से बच्चे खेल रहे हैं तो उनसे बातचीत किया । उसे पता चला कि यह सब मजदूर के बच्चे हैं जो माता-पिता के साथ ऐसे टहलते हैं । यह कहीं पढ़ने लिखने भी…

Safalta ka Raj

सफलता का राज | Safalta ka Raj

नीमरू जब 12– 13 वर्ष का था तभी उनके पिताजी उसे छोड़ कर चले गए। वैसे तो उनका नाम सुरेंद्र कुमार था लेकिन दुबले-पतले होने के कारण उन्हें निमरू ही कहते थे । बचपन में वह अपने मामा के घर रहते थे। मामा के घर उनकी खूब दादागिरी चलती थी। दुबला पतला है तो क्या…

Kalyug ka Prem

कलयुग का प्रेम | Kalyug ka Prem

कलयुग का प्रेम ( Kalyug ka prem )    एक बार एक लड़के ने एक लड़की से कहा “मैं तुम्हें कुछ देना चाहता हूं।” फिर लडकी ने कहा “मुझे कुछ नही चाहिए सिर्फ आप मेरा सम्मान रखना ।” लड़के ने कहा, “देखो तो, बड़े प्यार से लाया हूं यार।” जब लड़की ने देखा कि वो…

Tumse hi Himmat

तुमसे ही हिम्मत | Tumse hi Himmat

तुमसे ही हिम्मत ( Tumse hi himmat )  तुम से हौसला हमारा है तुमसे ही हिम्मत हमारी है तुम इस दिल का करार हो। मेरे मन के मीत तुम दिल को लगती हो कितनी प्यारी। मेरे जीवन के इस सफर में हमसफ़र हो तुम रेखा। तुमने पग पग पे मेरा साथ दिया है मेरे घर…

Asli Hero

असली हीरो | Hindi Laghu Katha

असली हीरो ( Asli Hero )    रीमा ट्रेन में बैठी अपने ख्यालों में खोई हुई थी तभी स्टेशन आया। एक आर्मी वाला अपने बच्चों और पत्नी को हाथ हिलाते हुए ट्रेन में अंदर आ गया। मगर यह क्या साथ वाला फौजी रोने लगा l तभी एक बूढ़े से चाचा जी जो सामने बैठे थे…

Laghu Katha Anpadh charwaha

अनपढ़ चरवाहा | Laghu Katha Anpadh charwaha

अनपढ़ चरवाहा ( Anpadh charwaha )    “अरे छिगनू काका!” “आप खाना बना रहे हो ?” “यह काम तो घर की औरतों का है, फिर आप क्यों ?” स्कूल से घर जाति प्रिया ने आश्चर्य से पूछा। “बेटा, हम घुमक्कड़ लोग है। हमारा काम गाय, भेड़ और ऊँटों को घूमते हुए पालना व उन्हें बेचकर…

Bhojpuri kahani

खाना | Bhojpuri kahani

 ” खाना ” ( Khana )   बहुत पहिले के बात हऽ। एगो देश में एगो राजा रहत रहे।  उ बहुत भुखड रहे। रोज रोज नया नया तरह के खाना खाइल ओके शैक रहे । एक बार उ आपन मंत्त्री से कहलक कि देश में ढिंढोरा पिटवा देवे के कि जे केहूं राजा के सबसे…