बुढ़ापा की लाठी | Laghu Katha
नीमा को ससुराल आये तीन माह ही हुए थे ।वह रट लगा दी कि मैं अलग खाऊंगी। आज से चूल्हा अलग…! मैं आपके मां-बाप को भोजन नहीं दे सकती। राहुल के लाख समझाने के बावजूद भी नीमा पत्थर की लकीर बनी रही। राहुल के मां-बाप भी हारकर अपनी बहू नीमा को कह दिये तुम्हें जो…