ज़िन्दगी पराई हो गई

ज़िन्दगी पराई हो गई

ज़िन्दगी पराई हो गई बेवफ़ा नहीं थी उससे बेवफ़ाई हो गईहोता ही नही यकीन जग हँसाई हो गई दे रही थी ज़ख़्म जो अभी तलक यहाँ मुझेदेखिए वो खुद ही ज़ख़्म की दवाई हो गई होठ मे गुलों की खुशबू और बातों में शहददो घड़ी में उससे मेरी आश्नाई हो गई बढ़ रही थी धड़कने…

मोबाइल से

मोबाइल से | Mobile se

मोबाइल से सारे रिश्ते ख़तम मोबाइल से,अच्छेअच्छे भसम मोबाइल से । देश भर के शरीफ़ज़ादे सब ,हो गयें बेशरम मोबाइल से । नाचती हैं हसीन बालाएं,बन गया घर हरम मोबाइल से। बैठ दिल्ली में बात गोवा की,खायें झूठी कसम मोबाइल से। भागवत आरती भजन कीर्तन,डीजिटल है धरम मोबाइल से । चिट्ठियों का गया ज़माना अब,भेजती…

Hamari Jaan na Lo

हमारी जान न लो | Hamari Jaan na Lo

हमारी जान न लो हमारा दिल तो लिया अब हमारी जान न लोअज़ाब इतना बड़ा सर पे मेहरबान न लो मुकर न जायें किसी रोज़ हम मुहब्बत सेहमारे सब्र का इतना भी इम्तिहान न लो करो तो जंग मुसीबत से तुम अकेले भीयूँ बार बार हमें इसके दर्मियान न लो वफ़ा का ज़िक्र हमारा कहीं…

देख लो | Dekh Lo

देख लो | Dekh Lo

देख लो जश्न अपनी हार का इन महफ़िलों में देख लोज़ाम टकराते हुए इन अफ़सरों में देख लो चीख कितना यह रहे अधिकार को तेरे लिएअब ठहर कर आप इनकी नीतियों में देख लो ये उपासक प्रेम के कितने बड़े है क्या कहूँआज इनपे आप उठती उँगलियों में देख लो लूटकर ये अस्मते खूँ की…

हिज़्र भी वस्ल सा लगा है ये

हिज़्र भी वस्ल सा लगा है ये

हिज़्र भी वस्ल सा लगा है ये इक नया तजरिबा हुआ है येहिज़्र भी वस्ल सा लगा है ये अश्कों को भी समेट कर रखतालोग कहते हैं मसख़रा है ये वास्ते तेरे बस ग़ज़ल कहतेइस सुख़न -साजी ने किया है ये दाल रोटी के रोज़ चक्कर मेंइश्क़ तो अब हुआ हवा है ये गुम तो.होशो-ख़िरद…

कर दे जो दूर ग़म

कर दे जो दूर ग़म

कर दे जो दूर ग़म कर दे जो दूर ग़म को किसी में हुनर नहींयारब क्या ग़म की रात की होगी सहर नहीं तड़पे जिगर है मेरा ये उनको ख़बर नहींये आग इश्क़ की लगी शायद उधर नहीं घर से निकलना आज तो मुश्किल सा हो गयामहफ़ूज नफ़रतों से कोई रहगुज़र नहीं चलती है चाल…

किसको दिल की पीर सुनाएं

किसको दिल की पीर सुनाएं

किसको दिल की पीर सुनाएं एक ख़ता की लाख सज़ाएं।किसको दिल की पीर सुनाएं। कोई नहीं इब्न-ए-मरियम सा।ज़ख़्म जिगर के किसको दिखाएं। जान ही जाते हैं जग वाले।राज़-ए-मुह़ब्बत कैसे छुपाएं। नफ़रत के सहरा में आओ।उल्फ़त के कुछ फूल खिलाएं। ख़ाली से बेगार भली है।मुफ़्त न अपना वक़्त गंवाएं। क़रिया-क़रिया पेड़ लगा कर।आबो-हवा को मस्त बनाएं।…

आज़माया करो

आज़माया करो | Azmaya Karo

आज़माया करो सब्र मेरा न यूँ आज़माया करोरूबरू ऐसे सज कर न आया करो इतनी बातें न हमसे बनाया करोजामे – उल्फ़त ख़ुशी से पिलाया करो साक़िया तुम को इस प्यासे दिल की क़समशाम ढलते ही महफ़िल सजाया करो प्यार की मौजें दिल में पटकती हैं सरइस समुंदर में आकर नहाया करो कैसे जानें कि…

वो घूंघट पट खोल रहा है

वो घूंघट पट खोल रहा है

वो घूंघट पट खोल रहा है वो घूंघट पट खोल रहा हैतन-मन मेरा डोल रहा है आजा,आजा,आजा,आजामन का पंछी बोल रहा है अपने नग़मों से वो मेरेकानों में रस घोल रहा है पाप समझता था जो इसकोवो भी अब कम तोल रहा है मेरे घर की बर्बादी मेंअपनों का भी रोल रहा है लगते हैं…

बड़ा ही नेक

बड़ा ही नेक | Bada hi Nek

बड़ा ही नेक बड़ा ही नेक वो परिवार होगातभी अच्छा मिला संस्कार होगा कभी हमने न सोचा अपने घर मेंमुझे करना खड़ी दीवार होगा जमीं तो बाँट ली तुम सबने मेरीलवारिस अब हमारा प्यार होगा घरों की बात थी इतना न सोचायही कल भोर का अख़बार होगा अदब से बात जो करते हैं बच्चेउन्हीं का…