ज़िन्दगी पराई हो गई
ज़िन्दगी पराई हो गई बेवफ़ा नहीं थी उससे बेवफ़ाई हो गईहोता ही नही यकीन जग हँसाई हो गई दे रही थी ज़ख़्म जो अभी तलक यहाँ मुझेदेखिए वो खुद ही ज़ख़्म की दवाई हो गई होठ मे गुलों की खुशबू और बातों में शहददो घड़ी में उससे मेरी आश्नाई हो गई बढ़ रही थी धड़कने…