सियासत के इस दौर में तो पलटूओं की भीड़ है
सियासत के इस दौर में तो पलटूओं की भीड़ है
कैसे मेरा दिल कह दे कि जंगजूओं की भीड़ है,
सियासत के इस दौर में तो...
क्या लेना | Ghazal Kya Lena
क्या लेना
( Kya Lena )
है रौशनी तो मुझे तीरगी से क्या लेना
चमक यूँ क़ल्ब में है चाँदनी से क्या लेना
हर एक तौर निभाता...
बहू निकली है पुखराज | Ghazal Bahu
बहू निकली है पुखराज
( Bahu Nikli Hai Pukhraj )
बज उठ्ठेगी घर -घर में फिर सबके ही शहनाई
उधड़े रिश्तों की कर लें गर हम...
सनम तुम | Ghzal Sanam Tum
सनम तुम
( Sanam Tum )
मात्रा भार:
१२२२ - १२२२ - १२२२
सनम तुम इक दफ़ा नजरें मिला लेना,
झुकाकर यह नज़र, फिर से उठा लेना !
जो...
आसां नहीं होता | Ghazal Aasan Nahi Hota
आसां नहीं होता
( Aasan Nahi Hota )
बज़ाहिर लग रहा आसां मगर आसां नहीं होता
बहुत दुश्वार उल्फ़त का सफ़र आसां नहीं होता।
ज़मीं एहसास की...
पहली दफ़ा | Pehli Dafa
पहली दफ़ा
( Pehli Dafa )
जबसे तुम्हें देखा है जीने की हसरत हुई है,
पहली दफ़ा ख़ुद से हमको मोहब्बत हुई है,
सुन ज़रा तू ऐ...
सताया न कर | Sataya na Kar
सताया न कर
( Sataya na Kar )
ज़ब्त रब का कभी आज़माया न कर
बेवज़ह मुफ़लिसों को सताया न कर।
है खफ़ा तो पता ये उसे...
दिल तो दिल है | Dil to Dil Hai
दिल तो दिल है
( Dil to Dil Hai )
चुभा हुआ है जो काँटा निकल भी सकता है
ये दर्दनाक सा मंज़र बदल भी सकता...
कहां होती | Kahan Hoti
कहां होती
( Kahan Hoti )
रवैये में लचक कोई मुरव्वत ही कहां होती
कभी सरकार की हम पर इनायत ही कहां होती।
जो बातिन है वो...
सब को अपना नहीं कहा जाता | Sab ko Apna Nahi...
सब को अपना नहीं कहा जाता
( Sab ko Apna Nahi Kaha Jata )
सब को अपना नहीं कहा जाता
हद से आगे नहीं बढ़ा जाता
मंज़िलें दूर...