उसी के दिल में | तरही ग़ज़ल
उसी के दिल में ( Usi ke dil me ) उसी के दिल में बसी मेरी जान थोड़ी है अकेली मुझपे वही मेहरबान थोड़ी है हँसी-मज़ाक है , वो बदज़बान थोड़ी है कि मुझसा उसका कोई क़द्रदान थोड़ी है सभी ने हुस्न की मलिका उसे कहा है यहाँ हमारा एक ये तन्हा बयान थोड़ी है…