दिल अपना ग़रीब है

दिल अपना ग़रीब है

दिल अपना ग़रीब है     ख़ुशी से दिल अपना ग़रीब है कब दिल अपना खुशनसीब है   गिला क्या करुं ग़ैर से भला यहां तो अपना ही रकीब है   किसे मैं हाले दिल सुनाऊँ अब नहीं कोई भी अपना हबीब है   तन्हा हूँ नगर में बहुत यहां नहीं कोई मेरे करीब है…

 एक तरफा प्यार है

एक तरफा प्यार है

 एक तरफा प्यार है     जिसके दिल में एक तरफा प्यार है अश्क आंखों में ही उसकी यार है   जख़्म इतनें है मिले रूह तक कर गया वो जिंदगी को आजार है   ख़्वाब टूटे है आंखों से ऐसे कल नींद से आंखें मेरी  बेदार है   प्यार की बातें न थी लब…

हर घड़ी ग़म तेरे उठाने है

हर घड़ी ग़म तेरे उठाने है

हर घड़ी ग़म तेरे उठाने है     हर घड़ी ग़म तेरे उठाने है अश्क आंखों से अब गिराने है   तोड़ी सारी रस्में उसी ने थी वादे फ़िर भी हमें निभाने है   आपकी याद में सनम अब तो दिल को ताउम्र ग़म उठाने है   इक दिन सबको झूठी मुहब्बत के गुजरे वो…

हाथ में वरना मेरे ख़ंजर नहीं

हाथ में वरना मेरे ख़ंजर नहीं

हाथ में वरना मेरे ख़ंजर नहीं     हाथ में वरना मेरे ख़ंजर नहीं! दुश्मनों के छोड़ता मैं सर नहीं   कट रही है जिंदगी फुटफाट पे मासूमों पे सोने को बिस्तर नहीं   लौट आया शहर से मैं गांव फ़िर ढूंढ़ता से भी मिला वो घर नहीं   सिर्फ़ आता मंजर नफ़रत का नजर…

हाँ वो कितनी कली देखो हसीन है

हाँ वो कितनी कली देखो हसीन है

हाँ वो कितनी कली देखो हसीन है     हाँ वो कितनी कली देखो हसीन है! अल्लाह की क़सम वो बहतरीन है   अल्लाह दिल से उसको ही भुला दें तू उसकी तरफ़ मेरा हर पल ज़हीन है   की प्यार से कैसे जोते भला यारों नफ़रत में बट गयी यारों ज़मीन है   हमला…

दिलों को तोड़ने वाले कहां इंसान होते है

दिलों को तोड़ने वाले कहां इंसान होते है

दिलों को तोड़ने वाले कहां इंसान होते है   दिलों को तोड़ने वाले कहां इंसान होते है। नहीं ईंसानियत की वो कभी पहचान होते है।।   लगाकर ठेस वो दिल को दिवानों की तरह अक्सर। खुशी इज़हार करते है बहुत शैतान होते  है।।   कभी अहसान मानेंगे नहीं चाहे करो कुछ  भी। भुला दे बात …

आये हो जब से तुम मेरी जिंदगी में

आये हो जब से तुम मेरी जिंदगी में

आये हो जब से तुम मेरी जिंदगी में     आये हो जब से तुम मेरी जिंदगी में भूल गया हूँ दर्द ग़म सब  ख़ुशी में   बोलकर क्या मैं बताऊँ हाले दिल अब लिख डाली है बातें सब शाइरी में   दोस्त बनकर रह हमेशा तू मेरा ही कुछ नहीं रक्खा है देखो दुश्मनी…

जब तक जग से आस रहेगी

जब तक जग से आस रहेगी

जब तक जग से आस रहेगी     जब  तक  जग से आस  रहेगी। दिल   में   कोई  प्यास   रहेगी।।   कांटा    बनके    उम्मीदों    की। चुभती   हरदम   फांस   रहेगी।।   रहबर   कोई   साथ   न   होगा। जिसकी तुझको तलाश रहेगी।।   दिल   के  भीतर  अरमानों  की। यूं   ही   तिरती    लाश   रहेगी।।   अश्क   भरी   होगी   सब  राहें।…

लौटकर वो नहीं आया है गांव में

लौटकर वो नहीं आया है गांव में

लौटकर वो नहीं आया है गांव में     लौटकर वो नहीं आया है गांव में! रह गया हूँ तन्हा मैं तो   गांव में   शहर में तो नफ़रतों के है साये दोस्ती है प्यार है देखो गांव में   देखते है शहर में नजरें नफ़रत से आ रहेगे दोनों सनम चल गांव में जब…

बारिशें नफरतों की शुरू हो गयी

बारिशें नफरतों की शुरू हो गयी

बारिशें नफरतों की शुरू हो गयी     बारिशें नफरतों की शुरू हो गयी! ख़त्म बू प्यार की अब गुलू हो गयी   इसलिए टूटा रिश्ता उसी से कल है तल्ख़ उससे बहुत गुफ़्तगू हो गयी   खो गये भीड़ में बेबसी की रस्ते ख़त्म अब मंजिल की जुस्तजू हो गयी   प्यार की दोस्ती…