किया फिर घात दुश्मन ने बढाकर हाथ यारी का

किया फिर घात दुश्मन ने बढाकर हाथ यारी का

किया फिर घात दुश्मन ने बढाकर हाथ यारी का    किया फिर घात दुश्मन ने बढाकर हाथयारी का। मिटा के उसकी हस्ती को सबक़ देंगे मक्कारी का।।   यूं सरहद लांघ कर उसने खुद शोलों को हवा दी है। ज़माने भर में है चर्चा जवानों की दिलेरी  का।।   पड़ोसी जान कर हमने उसे हर…

आ रही है फूलों से सदा एक ही!

आ रही है फूलों से सदा एक ही!

आ रही है फूलों से सदा एक ही!   आ रही है फूलों से सदा एक ही! मत मसलों  यूं मुझे बेदर्दी से   फूल हूँ मैं आंगन का वो ही हंसी बद्दुआ से दूर रहता  हर आंगन   जीने दो मुझको जहां में इज्जत से फूल हूँ मैं नाजुक सी खिलती कभी   मत…

दिल में ज़ज्बा हौंसले हरदम यूं फौलादी रखो

दिल में ज़ज्बा हौंसले हरदम यूं फौलादी रखो

दिल में ज़ज्बा हौंसले हरदम यूं फौलादी रखो   दिल में ज़ज्बा हौंसले हरदम यूं फौलादी रखो । दुश्मनों से तुम बचाके हिंद की वादी रखो।।   धङकने दो देश को सीने में धङकन की तरह । दिल ना कोईआज तुम इससे कभी खाली रखो।।   सर ना झुकने पाये हरगिज दुश्मनों के सामने। इसकी…

जिंदगी हर ख़ुशी से ही बेज़ार है!

जिंदगी हर ख़ुशी से ही बेज़ार है!

जिंदगी हर ख़ुशी से ही बेज़ार है!   जिंदगी हर ख़ुशी से ही बेज़ार है! हो गयी अपनी तक़दीर बीमार है   दोस्ती प्यार की गुफ़्तगू हो कैसे नफरतों की खड़ी राहें दीवार है   लुफ़्त आऐ कैसे तेरे बिन जीस्त में जिंदगी तेरे बिन अपनी बेकार है   जो कभी प्यार की गुफ़्तगू करता…

कब मिला आज़म तक़दीर में प्यार है

कब मिला आज़म तक़दीर में प्यार है

कब मिला आज़म तक़दीर में प्यार है   कब मिला आज़म तक़दीर में प्यार है हर किसी से मिली मुझको दरकार है   उठ रहा है दिल में नफ़रतों का शोला लूंगा बदला कर गया जो दिल आजार है   हाल अपना किसी मैं सुनाऊँ भला शहर में कोई अपना नहीं यार है   बात…

ढ़ल गये जिंदगी से ख़ुशी के दिन सब

ढ़ल गये जिंदगी से ख़ुशी के दिन सब

ढ़ल गये जिंदगी से ख़ुशी के दिन सब     ढ़ल गये जिंदगी से ख़ुशी के दिन सब रह गये है ग़मों के दिन तक़दीर में   मांगता हूँ ख़ुदा से दुआ रोज़ जो फ़िर भी होती नहीं है दुआ वो क़बूल   ढूंढ़ता हूँ चेहरा शहर में वो मैं तो दें हमेशा वफ़ा जो…

घर जाने की उसके ही जरूरत नहीं

घर जाने की उसके ही जरूरत नहीं

घर जाने की उसके ही जरूरत नहीं     घर जाने की उसके ही जरूरत नहीं जब रही उसको तुझसे मुहब्बत नहीं   प्यार से कैसे महकेगी सांसे मेरी फूलों में ख़ुशबू की वो नज़ारत नहीं   इसलिए छोड़ दिया साथ उसका मैंनें दोस्त उसकी लगी अच्छी आदत नहीं   कर गया है मुझे ग़ैर…

छौङ दो नफरतों को करो प्यार तुम

छौङ दो नफरतों को करो प्यार तुम

छौङ दो नफरतों को करो प्यार तुम   छौङ दो नफरतों को करो प्यार तुम। यार बनके दिखाओ समझदार तुम।।   चाहते  हो अगर  फूल  तुमको मिले। चुन ही लेना किसी राह से ख़ार तुम।।   मान अहसान  उसका मददगार जो। सर झुका करके रहना वफादार तुम।   सब सुखों में समझ साथ दुख में…

अपने मिलते अनजानों में

अपने मिलते अनजानों में

अपने मिलते अनजानों में     अपने   मिलते  अनजानों में।। गुल भी  खिलते  वीरानों  में।।   कोई   दिल  को भाने वाला ।    मिल  जाता   है  बेग़ानो  में।।   टुकड़े कर दे जो इस दिल के।    कैसे    रहता   अरमानों   में।।   देखी   जीवों    में   मोहब्बत।  नफ़रत  केवल    ईंसानों  में।।   दिल दुःखाकर   क्या पाओगे!…

दिल का करार ले गए है मुस्कुरा के वो

दिल का करार ले गए है मुस्कुरा के वो

दिल का करार ले गए है मुस्कुरा के वो     दिल   का   करार  ले    गए   है   मुस्कुरा  के   वो। जान   ले   चले  है  शरम  से  नज़र  झुका के वो।।   जब  मिले कभी है बींध कर ही दिल को चल दिए। तीर  सी नज़र  से खींच कर निशाना लगा  के वो।।   शिद्त   से   …