पर्यावरण प्रदूषण के कारण, एवं निदान पर निबंध

Essay on pollution in Hindi | पर्यावरण प्रदूषण के कारण एवं निदान पर निबंध

पर्यावरण प्रदूषण के कारण, एवं निदान पर निबंध

( Causes And Diagnosis Of Environmental Pollution : Essay In Hindi )

 

रूपरेखा :

1️⃣️ प्रस्तावना

2️⃣ प्रदूषण से तात्पर्य

3️⃣ प्रदूषण के कारण

4️⃣ प्रदूषण के प्रकार

5️⃣ निदान,

6️⃣ उपसंहार

1.प्रस्तावना :-

पर्यावरण प्रदूषण के कारण आज हमारी गंगा, जमुना जैसी कई बड़ी बड़ी नदियां मैली हो गई हैं, अर्थात् यह संसार के लिए एक गंभीर समस्या है |

इस समस्या का निदान होना अति आवश्यक है | आज आकाश विषैला,जमीन दूषित एवं जल जानलेबा बन गया है | मनुष्य अपनी सुख सुविधाओं के लिए प्रक्रतिक सम्पदा को निरंतर नष्ट कर रहा है |

जैसे-ब्रक्ष काटे जा रहे हैं, हरियाली नष्ट हो रही है, जंगल नष्ट कर मकान, एवं प्रक्रति से छेडछाड हो रही है | अर्थात प्रक्रतिक रुप धीरे धीरे नष्ट होता जा रहा है | यही कारण है की आज हमें पीने को शुध्द पानी भी नशीब नहीं हो पा रहा है ||

2.प्रदूषण से तात्पर्य :-

वे सभी कारण, जो प्रत्यक्ष या आप्रत्यक्ष रुप से मानव के स्वास्थ और उपयोगी साधनों को हानि पहुँचाते हैं, प्रदूषण कहलाते हैं जैसे-> जहरीली गैसें, फैक्ट्रियो का गंदा पानी, आधुनिक खाद आदि ||

3.प्रदूषण के कारण :-

बढती हुई जनसंख्या के कारण आज प्रदूषण अधिक बढ रहा है,जनसंख्या के कारण फैक्ट्री,कारखानो की संख्या भी तेजी से बढ रही है |

जिसके कारण वायूमंडल मे जहरीला धुआ एवं गंदा जहरीला पानी निकलता है,जो वातावरण को और पीने के पानी को दूषित कर देता है साथ ही हमारे शरीर को हानि पहुचाते हैं |

यहाँ तक की आकाश मंडल मे ओजोन-पर्त को भी नुकसान पहुँचता है,जिससे मनुष्य को कई घातक बीमारियों का सामना करना पड रहा है | अब इस प्रदूषित वातावरण के आवरण मे हमारा जीवन दूषित एवं आयु कम होती जा रही है ||

4.प्रदूषण के प्रकार :-

प्रदूषण के मुख्य रुप हैं,, (क) वायू प्रदूषण (ख) जल प्रदूषण (ग) ध्वनि प्रदूषण एवं (घ) रसायनिक प्रदूषण इत्यादि,,,

(क). वायू प्रदूषण :-

आज-कल फैक्ट्री,कारखानों,चिमनियों,सड़क पर दौडते वाहन एवं धधकते हुए इंधनों के कारण वायुमंडल को भारी क्षति पहुँचती है,साथ ही मानव सेहत पर घातक असर पहुँचाता है,साथ ही प्रकृती को भी क्षति पहुँचती है |

(ख). जल प्रदूषण :-

जल स्त्रोतों मे पशुओं को को नहलाना,कपडे धोना,नगरों की नालियों से मल-मूत्र,फैक्ट्रियों-कारखानों से निकले अनेक तरह के विषैले पदार्थ मिला हुआ गंदा पानी नालियों के जरिये तालाबों एवं नादियों में पहुँच जल को दूषित करते हैं | जिसे पीने के बाद हैजा,पीलिया जैसी बीमारियां घेर लेती हैं |

(ग). ध्वनि प्रदूषण :-

दुनियां के किसी भी कोने मे जाओ,तो शोर सुनाई देता है | कारखानों,वाहनों,वायुयानों,मशीनों आदि का इतना शोर होता है,जिससे ध्वनि प्रदूषण होता है |

यदि निश्चित डेसिबल से अधिक आवाज कानों मे जाती है, तो सिर चढना, मानसिक तनाव और बहरेपन की बीमारियां अपना घर बना बैठतीं हैं |

(घ). रासायनिक प्रदूषण :-

फसल को नष्ट करते कीटों को मारने एवं अधिक फसल उगाने के लिए उपयोग की जाने वाली कीटनासक और यूरिया के कारण जमीन की उपजाऊ शक्ती समाप्त होती जा रही है, साथ ही अन्न जहरीला और स्वाद-रहित हो रहा है, जिसे खाने के बाद शरीर को हानि पहुँचती है ||

5. प्रदूषण से निदान (हल) : –

.चिमनियों,फैक्ट्री,और कारखानों मे ऐसे फिल्टर लगाए जाएं,जो बिषैले पदार्थों को अबशोसित कर सकें |

.मशीनों एवं बाहनों को समय-समय पर सर्बसिंग,फिल्टर और आवाज को नियंत्रित करना चाहिए |

.जल स्त्रोतों कपडे न धोना,नगरों की गंदगी जल स्त्रोतों मे न मिलाया जाए |

.ब्रक्षों की कटाई पर रोक लगा,जंगलों को बचाना चाहिए |सौर-ऊर्जा का उपयोग आदि से वातावरण को दूषित होने से बचा सकते है |

6.उपसंहार :-

प्रदूषण की समस्या मनुष्य को म्रत्यू के मुंह में झौक देगी | हमें अपने जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए प्रदूषण की समस्या पर ध्यान देना जरूरी है |

इसके कारण भविष्य खतरनाक होता जा रहा है | इससे निबारण के लिए हम सबको आपना योगदान देना अति आवश्यक है |

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लेखक:  सुदीश भारतवासी

Email: sudeesh.soni@gmail.com

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