Charagari shayari

चारागरी हुआ कैसा इलाज़ है | Charagari shayari

चारागरी हुआ कैसा इलाज़ है

( Charagari hua kaisa ilaaz hai )

 

चारागरी  हुआ  कैसा इलाज़ है
अच्छा नहीं हुआ मेरा मिज़ाज है

 

घर में ही आ गयी रोटी की दिक्क़त है
इस  बार  कब  हुआ  यारों अनाज़ है

 

मिलनें का कर गया था वादा ए वफ़ा
ए यार वो मिला मुझसे न आज है

 

तू धूम तो ग़रीबों की बस्ती आकर
तू देख तेरा कैसा राम राज है

 

देगा सकूं ख़ुदा तेरे दिल को बहुत
आ चल ज़रा अब पढ़ले तू नमाज़ है

 

दिल तोड़कर वफ़ा वो प्यार में आज़म
वो पूछता कैसा तेरा मिज़ाज है

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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