धरती माँ
( Dharti Maa )
धरती मांँ धरती माँ,
लाल को लोरी सुना दो।
लड़े समर में वीर,
प्यार दो दुलार दो माँ।
शूरवीर महारथी,
योद्धा जांबाज सिपाही।
मातृभूमि चरणों में,
लाडलो को प्यार दो माँ।
अमर सपूत तेरे,
लड़ते सीना तान के।
जोश जज्बा भरपूर,
शक्तियां अपार दो माँ।
वीर महा समर में,
मातृभूमि मतवाले।
देशभक्त दीवानों को,
विजय का दान दो माँ।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )