महात्मा बुध
( Mahatma Buddha )
राजा शुद्धोधन सुत,
सिद्धार्थ जिनका नाम।
सत्य ज्ञान की खोज में,
चल पड़े निष्काम।
पुत्र पत्नी त्याग के,
तज दिया राजपाट।
योग साधना सीख ली,
पहुंचे गंगा घाट।
बोध गया बोधिवृक्ष,
मिल गया सच्चा बोध।
गौतम बुध हो गए,
सिद्धार्थ कर शोध।
वीणा के बजते तार,
कस दो जाएंगे टूट।
संयम से कर्म करो,
सांसे जाएंगी छूट।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )