छू गई मन | Chhoo Gayi Man
छू गई मन
( हाइकु )
छू गई मन,
फ़िज़ाओ में बिखरी
तेरी खुशबू !!
आँखें है दंग,
पढ़ी मन की चिट्ठी
प्रीत के संग !!
नेह धूप से,
हर लेता है मीत,
मन का शीत !!
छोड़ के मौन,
उड़ेगा ये पखेरू,
ढूंढेगा कौन !!
शीत का शोर,
कुहासा ओढ़कर
सूर्य है मौन !!
डी के निवातिया