छोटी सी बात | Chhoti si Baat
छोटी सी बात
( Chhoti si baat )
छोटी सी बात राई का पहाड़ बन गई।
टूट गई घर की दीवारें तलवारें तन गई।
जमीन का बंटवारा होना दिल बंट गए।
अपनापन लाड प्यार दिलों से घट गए।
मां-बाप औलाद का ताकते रहे चेहरा।
गाढ़ी कमाई तिजोरी पे भी लगा पहरा।
संयुक्त परिवार यहां अलग होते आए।
छोटी सी बात पे हम क्या-क्या गंवाए।
हमने शिक्षा दुलार संस्कार दिया होता।
छोटी-छोटी बातों पर टोक दिया होता।
ईर्ष्या की आंधी आंगन तक ना आती।
बुलंद रहती दीवारें चौखट जगमगाती।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )