अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस

( Antarrashtriya antarrashtriya beti divas ) 

 

बेटी की आहट से खुलते,खुशियों के अनंत द्वार

मनुज सौभाग्य जागृत,
मंगलता गृह प्रवेश ।
सुख समृद्धि सरित प्रवाह,
आह्लाद पूर्ण परिवेश ।
दर्शन कर भव्य उपमा ,
आशा उमंग असीम संचार ।
बेटी की आहट से खुलते,खुशियों के अनंत द्वार ।।

सृजन दिव्य अठखेलियां,
कुल वंश परिवार वंदन ।
धर्म कर्म परम शोभना,
मर्यादा सुसंस्कार मंडन ।
रक्षक राष्ट्र आन बान शान,
हृदय अथाह स्नेहिल धार ।
बेटी की आहट से खुलते, खुशियों के अनंत द्वार ।।

शिक्षा संग समस्त क्षेत्र,
नित गढ़ती नव कीर्तिमान ।
सदा लहराकर तिरंगी परचम,
सदैव रक्षित राष्ट्र स्वाभिमान ।
अनुपम अभिव्यंजना सशक्ति,
युग युग दैवीय महत्ता अपार।
बेटी की आहट से खुलते,खुशियों के अनंत द्वार ।।

घर देहरी अति शोभित,
बेला अप्रतिम अवतरण ।
गौरव अनुभूति मात पिता ,
सर्वत्र हर्षोल्लास संचरण ।
मंगलता पावनता शोभा पर्याय,
ईश्वर प्रदत्त अनूप उपहार ।
बेटी की आहट से खुलते,खुशियों के अनंत द्वार ।।

 

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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