Prayagraj Air Show

प्रयागराज ‘एयर शो’

( Prayagraj Air Show ) 

 

हम गये रहे ‘एयर शो’ देखै
जनसैलाब कै उठती लौ देखै
एलन गंज में रहत रहे
‘यूपीएचईएससी’ कै तैयारी करते रहे
अपने सब सखियन का लइकै
कमरा से तो निकल गये
लेकिन रेलवे ट्रैक पै जाके
थोड़ा-सा हम ठिठक गये
प्रयाग स्टेशन से लोगन वापस आवत रहे
ई भीड़ देख हम सोचै लगै
लागत अहै ‘संगम कै ट्रेन कैंसिल होइ गय
तो हम मन में ठान लिय
सब सखियन कै समझाय लिय
हम पहुंच गये स्टेशन पै
सब जनता कै ई भीड़ देख
हम सब सखियन पगलाय गयं
तब तक ट्रेन आय गय
सब जनता का इतना भाय गय
ट्रेन पहिले से भरी रहन
हम सोचत उइठे खड़ी रहन
सब ठूसम-ठूस लगाय दिहं
एक दूसरे का धकियाय दिहं
कि धक्का-मुक्की शुरू होई गवा
जे बइठ गय उनका गुरूर होइ गवा
हमहूॅं कइसेउ चढ़ गये ट्रेन में
ई भीड़-भाड़ के रेलम-रेल में
सब थे उत्सुक,व्याकुल,विवश
आठ अक्टूबर रविवार दिवस
खड़े-खड़े का सीख देइ
हमहूॅं चली अब सीट लेई
दुइ सहेली बाहर छूट गईं
हमय लगा कि हमसे रूठ गईं
सब गेट छेके खड़ा रहं
सबसे निवेदन कइके हमहूॅं
सखियन को अन्दर लियं बुलाय
अब ट्रेन वहाॅं से चल पड़ी
बख़्शी बांध होइके संगम पहुंच गई
हम एक-दूसरे का हाथ पकड़
आगे-आगे बढ़त रहं
हमरे पीछे कुछ लरिका
आपस में कुछ कहत रहं
कुछ ओनहू के पीछे कै लरिका
डिम्पल भाभी को याद कियं
और डिम्पल भाभी जिंदाबाद
जोर से नारा लगाया दिहं
अब भीड़-भाड़ इतनी बढ़ गय
हम सब के चलब दू-भर होइ गय
सब भीड़ हम सब के धक्का दइके
कुछ दूर तलक पहुचाय दिहिस
हम अपने सखियन के हाथ पकड़कर
संगम तट पर पहुंच गये
वो प्लेन का प्लेन से मेल रहा
बस दुइ घण्टा कै खेल रहा
पूरा संगम,अरैल,नैनी मा
जनता कै सैलाब रहा
कुछ इधर-उधर,कुछ ओवरब्रिज
कुछ झूंसी गंगापार रहा
शास्त्री ब्रिज और नैनी ब्रिज
सब लोगन से गरुआत रहा
हमहूॅं संगम के तट पे
सखियां के लइके बइठ गयं
अब खेल शुरू होइ गवा गगन मा
जनता है सब हर्ष-मगन मा
करतब वीर जवानन क
सब देख कै बड़ा अचंभित भयं
राफेल क त गरजना अइसन
सब दुसमन सुन थर्राय जाय
एक इधर जाय एक उधर जाय
सब यान करतब दिखाय रहय
ई करतब देख लगा अइसे
आसमान आज शोभायमान भवा
कुछ तीर बने तलवार बने
कुछ अम्बर में दिल कै आकार बने
जब बना तिरंगा आसमान में
त लोगन क जोश चर्रा उठा
कुछ ‘जय हिन्द’ का नारा लगाय दिहं
कुछ ‘चक दे इंडिया’ गाय रहं
हमहूॅं सब सखियन के साथे
‘चक दे इंडिया’ कै गान कियं
आठ-दस राफेल एक साथ देख
सब लोगन का हर्षाय देख
ऊं सब राफेल का देख लगा
कि भारत-पाक युद्ध छिड़ा
यान से निकलत चिनगारी
लगत आकाश में दिवाली
एकठी बड़े यान मे
दुइ-दुइ पंखा लगा रहा
ओका देखत सब जनता
केव इहा केव उहा रहा
खेल समाप्त सब यान गय
भारत माॅं की जय।

 

डॉ.सारिका देवी
अमेठी, उत्तर प्रदेश।

यह भी पढ़ें :-

अनटोल्ड स्टोरी | Untold Story

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here