
अब नाम उसी की दिल से यार मिटाया जाये
( Ab naam usi ki dil se yaar mitaaya jaye )
अब नाम उसी की दिल से यार मिटाया जाये
दिल से बेवफ़ा को ही अपनें अब भुलाया जाये
आयी है किसी कीं इतनी याद बहुत दिल को
वो दर्द भरा नगमा कोई तो सुनाया जाये
वरना दुखेगा दिल मेरा आज बहुत ही यूं
उसका न मुहब्बत का मुद्दा उठाया जाये
छोड़ो अब गिले शिक्वो की बात हुई बहुत
उल्फ़त का भरा नगमा कोई तो सुनाया जाये
छोड़ो दुश्मनी की दिल से अपनें रवानी अब
देखो दोस्ती का अब तो हाथ मिलाया जाये
तू देख मुहब्बत में आज़म दें गया धोखा
उस बेवफ़ा का ख़त अब यार जलाया जाये
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
यह भी पढ़ें : –