दिल से मुहब्बत
दिल से मुहब्बत
रहेगी उससे हमेशा ही मुहब्बत है
जिसे मुझसे रही हर पल अदावत है
बहुत कोशिश उसे की भूलने की
न उसकी याद से दिल को ही राहत है
मुहब्बत से उसे जब भी निहारुं
बड़ी ही देखता वो तो नज़ाकत है
वफ़ाओ की ख़ुशबू क्या वो फ़ैलायेगा
मुहब्बत की न सांसों में नज़ाकत है
यकीं कैसे करुं आज़म वफ़ा पे मैं
मुहब्बत में वो ही बदले फ़िदरत है