Diwali tyohar kavita

दीपावली त्योहार

( Deepawali tyohar : Kavita )

 

जगमगाया घर का आंगन
आया  दीपों  का  त्योहार
रोशन हो गया कोना-कोना
दिवाली खुशियों का त्योहार

 

दीप जले उजियारा लाये
स्नेह मिलन बिखेरे प्यार
घर घर में खुशहाली छाये
सदा  भरा  रहे  भंडार

 

लक्ष्मी मां कृपा हमेशा
बरसाती  रहे  अपार
यश कीर्ति वैभव दात्री
करती खुशियों की बौछार

 

मंगलमय लक्ष्मीजी पूजा
मंगलकारी शुभ विचार
सद्भाव की पावन गंगा
घर-घर में उमड़े प्यार

 

कोना कोना जगमग करता
हर्षित  घर  संसार
सुंदर-सुंदर सजे दुकानें
जगमग चमके बाजार

 

सबके चेहरों पर रौनक हो
खिलते चेहरे हो हजार
दुख दरिद्र सब मिट जाते
आपस  में  बरसे  प्यार
अंधकार का अंत करें
दीवाली दीपों का त्योहार

    ?

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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