उसने कहा था | एक प्रेम कहानी
बहुत पुरानी बात है 13-14 वर्ष की एक मासूम प्यारी -सी, चुलबुली-सी , हमेशा अपने आप में मस्त रहने वाली लड़की उसका नाम किरण था।
किरण के घर के सामने से आम रास्ता था ,उस रास्ते से होकर एक सूरज नाम का लड़का कॉलेज जाया करता था । सूरज को किरण रोज दिख जाया करती थी उसे धीरे-धीरे वह अच्छी लगने लगी।
सूरज किरण से दोस्ती करना चाहता था ।सूरज को पता चला कि किरण घर के पास शिव मंदिर जाया करती है सूरज भी मंदिर जाने लगा।
धीरे-धीरे किरण से सूरज ने दोस्ती की और दोनों अच्छे दोस्त बन गए ।सूरज किरण का बहुत ख्याल रखता था ।कुछ दिन बाद किरण ने बताया कि उसके पापा का तबादला दूसरे शहर में हो गया है।
सूरज बहुत दुखी हुआ फिर किरण से बोला “तुम दूसरे शहर जा कर मुझे भूल तो नहीं जाओगी “।
किरण बोली क्यों नहीं तो ?
फिर सूरज ने हिम्मत करके उसे बताया कि “मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूं और तुमसे शादी भी करना चाहता हूं क्या तुम मेरा इंतजार करोगी?
यह सुनकर किरन शरमा गई और सिर हिला कर स्वीकृति दी।
“मैं तुमसे मिलने जरूर आऊंगा” उसने कहा ।
किरण और सूरज ने एक दूसरे से वादा किया कि दोनों एक दूसरे को कभी नहीं भूलेंगे कुछ दिनों में किरण अपने परिवार के साथ दूसरे शहर चली गई । किरण ने वादा हमेशा याद रखा वह शादी के लायक तो थी ही, कुछ समय बाद उसके माता-पिता ने उसकी शादी कहीं और कर दी।
किरण ने सूरज का बहुत इंतजार किया पर वह उससे मिलने नहीं आया और किरण उसकी याद अपने दिल में दबाए ससुराल चली गई ससुराल के सारे फर्ज निभाती रही ।
किरण का बचपन का पहला प्यार अधूरा रह गया था आज भी किरण के दिल के किसी कोने में सूनापन है वह आज भी सूरज का इंतजार करती है।
पहला प्यार कभी भुलाया नहीं जा सकता ,न ही कभी खत्म होता है।
वह सोचती रहती थी। उसने कहा था “मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं तुमसे मिलने जरूर आऊंगा तुम मेरा इंतजार करना”फिर न उसने कोई समाचार दिया, न वह स्वयं मिलने आया आखिर क्यों?
लता सेन
इंदौर ( मध्य प्रदेश )