Hindi poem on love | इक रोज़ हवा बनकर, तेरी गली में आ जाऊंगा
इक रोज़ हवा बनकर, तेरी गली में आ जाऊंगा
( Ek Roz Hawa Banke Teri Gali Mein Aa Jaunga )
इक रोज़ हवा बनकर, तेरी गली में आ जाऊंगा।
मैं तेरी जुल्फें तेरा आंचल, लहरा जाऊंगा।।
तेरी अदा तेरी हंसी, लजबाव है।
बोल इतना खुश,क्यूं तू आज है।।
यूं मुस्कुरा कर, जान लोगी क्या।
दिल तो दे दिया, अब लोगी क्या।।
बनकर सितारे तेरी मांग सजाऊंगा….
मैं चांद तेरी गली का, मेंहदी तेरे हाथों की।
खुशबू हूं मैं फूलों की, लय तेरे बातों की।।
फूल बनूं तेरे ग़ज़लें का, लाली हो जाऊं होंठों की।
धार बनूं तेरे काजल की, नमी हो जाऊं सांसों की।।
बनकर हंसी तेरी, तेरे चेहरे पर बिखर जाऊंगा…..
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https://youtu.be/YiR5YiT16yg
कवि व शायर: अनुराग मिश्रा
( उत्तर प्रदेश )