तुझको ऐसा गुलाब दूंगा मैं | Gulab par Shayari
तुझको ऐसा गुलाब दूंगा मैं
( Tujhko Aisa Gulab Dunga Main )
तुझको ऐसा गुलाब दूंगा मैं
वो वफ़ा का हिजाब दूंगा मैं
जिंदगी भर दूंगा हंसी लब पे
की आंखों में न आब दूंगा मैं
तू करेगा सवाल जो मुझसे
आज तेरे ज़वाब दूंगा मैं
तेरी इस दोस्ती की मैं ख़ातिर
खू का कतरा ज़नाब दूंगा मैं
शब्द जो हर खू से लिखा होगा
जो दिया आज तक मुझे तूने
वो आज़म हर हिसाब दूंगा मैं
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
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