Essay in Hindi on UNESCO
Essay in Hindi on UNESCO

निबंध : (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन) यूनेस्को

( UNESCO : Hindi essay )

प्रस्तावना  :-

यूनेस्को ( UNESCO ) का पूरा नाम संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (United Nations Education, Scientific and Cultural Organization) है।

संयुक्त राष्ट्र का एक घटक के रूप में यूनेस्को को जाना जाता है। यूनेस्को का गठन 16 नवंबर 1945 को हुआ था। इसका मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में है।

यूनेस्को की स्थापना इस समय का आदर्श रूप है कि यदि लोगों के मस्तिष्क में उत्पन्न होते हैं। इसलिए मनुष्य के मस्तिष्क में ही शांति की रक्षा का सृजन होना चाहिए। यूनेस्को एक वैश्विक संगठन है।

इसका कार्य शिक्षा प्रकृति समाज विज्ञान संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय शांति तथा सुरक्षा की स्थापना करना है। जिससे संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय कानून का राज, मानव अधिकार तथा मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक स्तर पर सहमति बन सके।

यूनेस्को का निर्माण शांति निर्माण, गरीबी उन्मूलन, धारणीय विकास तथा शिक्षा के माध्यम से अंततः सांस्कृतिक, विज्ञान, संचार सूचना में योगदान करना है। इसका प्रमुख घटक मानव विकास के साथ शांति की संस्कृति का विकास करना है।

भारत में यूनेस्को के सहयोग से 1949 में भारतीय राष्ट्रीय आयोग का गठन किया गया जिसे 1951 में स्थाई स्वरूप प्रदान किया गया। यह आयोग शिक्षा प्रकृति विज्ञान, समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार से संबंधित 5 उपाय पर आधारित है।

यूनेस्को के सदस्य देश

यूनेस्को की स्थापना जब 1945 में की गई थी तब इसके कुल सदस्य देश 45 थे। वर्तमान में यूनेस्को के सदस्य देशों की कुल संख्या 1993 है तथा देश इसके सहयोगी सदस्य हैं।

अधिकांश सदस्य देशों का एक राष्ट्रीय आयोग भी है जो राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा, संस्कृति, शैक्षिक तथा सूचना समुदायों का प्रतिनिधित्व करता है। प्रत्येक सदस्य राज्य को उसके 2 वर्षीय कार्यक्रम को तैयार करने में मदद करता है।

यूनेस्को का उद्देश्य

यूनेस्को का उद्देश्य निम्नलिखित प्रकार से है –

  • सभी के लिए गुणवत्ता युक्त शिक्षा की व्यवस्था करना तथा जीवन पर्यंत अधिगम करना धारणीय विकास के लिए नीति तथा विज्ञान की जानकारी को गतिशील बनाना।
  • उभरते हुए सामाजिक तथा नैतिक चुनौतियों का समाधान करना।
  • सांस्कृतिक विविधता तथा सांस्कृतिक बातचीत तथा शांति की संस्कृति को बढ़ावा देना।
  • सूचना तथा संचार के माध्यम से समावेशी सोसाइटी का निर्माण करना तथा समाज कल्याण को बढ़ावा देना।

यूनेस्को की संरचना –

यूनेस्को एक वैश्विक स्तर की संस्था है। इसके प्रमुख अंग महासम्मेलन, कार्यकारिणी बोर्ड तथा सचिवालय है।

महासम्मेलन – महासम्मेलन में सभी सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व होता है। यह बजट को मंजूरी देता है। महानिदेशक का चुनाव होता है तथा संगठन के सामान्य नीति का निर्माण किया जाता है।

कार्यकारी बोर्ड – इस बोर्ड में कुल 58 सदस्य हैं जो सम्मेलन द्वारा 4 वर्षीय कार्यकाल हेतु निर्वाचित किए जाते हैं। प्रत्येक वर्ष इसके तीन सत्र आयोजित किए जाते हैं।

बोर्ड द्वारा यूनेस्को के सभी आयोजित होने वाले कार्यक्रम का पर्यवेक्षण किया जाता है तथा सम्मेलन के द्वारा लिए कार्यकारी बोर्ड ही एजेंडा तैयार करता है।

नए राष्ट्र के लिए सदस्यता की सिफारिश करना तथा महानिदेशक का नामांकन करना भी कार्यकारी बोर्ड का ही काम है।

सचिवालय सचिवालय के अधीन प्रशासक सामान्य कार्य विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञ शामिल होते हैं। यूनेस्को द्वारा संचालित कार्यक्रमों के प्रशासन हेतु सचिवालय उत्तरदाई होता है।

6 वर्षीय कार्यकाल के लिए महानिदेशक सचिवालय का प्रधान होता है। यह यूनेस्को की गतिविधियों पर नियमित रिपोर्ट तैयार करता है और बोर्ड के समक्ष कार्य योजना तथा बजट का अनुमोदन करता है।

यूनेस्को के कार्य

  • यूनेस्को द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न आयोजन होते हैं जिसमें विशिष्ट अध्ययनों का संचालन तथ्यात्मक सूचनाओं का वितरण तथा चित्र द्वारा विचारों से मुक्त प्रवाह का संवर्धन व्यक्तियों तथा अन्य सूचनाओं तथा सामग्रियों के विनिमय को प्रोत्साहन देने के साथ ऐतिहासिक तथा वैज्ञानिक महत्व की पुस्तकों तथा अन्य कलात्मक कृतियों के संरक्षण के कार्य किए जाते हैं। जिन्हें सदस्य देश वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के विकास में सहयोग प्रदान करते हैं।
  • इसके द्वारा बौद्धिक सहयोग के संवर्धन हेतु गैर सरकारी संगठनों को वित्तीय सहायता भी दी जाती है यूनेस्को प्रमुख रूप से चार क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • सभी के लिए मूलभूत शिक्षा उपलब्ध करवाना, मूल अधिकार तथा उपलब्धता का विकास करना।
  • मूल्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना।
  • 21वीं सदी में शिक्षा का विकास करना।

 निष्कर्ष

यूनेस्को विकासात्मक प्रयासों के एक अंग के रूप में शैक्षिक सुविधाओं के आधुनिकरण हेतु शिक्षकों के प्रशिक्षण, विज्ञान तथा सामाजिक विज्ञान के शिक्षण प्रक्रिया में संशोधन पर ध्यान देता है।

इसके अलावा सामाजिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना तथा समग्र जीवन स्तर में सुधार लाने हेतु वैज्ञानिकों को शोध कार्य हेतु प्रोत्साहन प्रदान करता है।

पर्यावरण संसाधन हेतु मानव तथा जय मंडल कार्यक्रम जल संसाधनों के प्रबंधन तथा निर्धारण हेतु अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक कार्यक्रम, कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग हेतु काम करता है।

इसके अलावा यहां विश्व के धरोहर वाले स्थानों को संरक्षण प्रदान करके संस्कृति तथा विकास के बीच सामंजस्य स्थापित करने हेतु प्रयास करता है।

 

लेखिका : अर्चना  यादव

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