फुटपाथ पर | Footpath par
फुटपाथ पर
( Footpath par )
( Footpath par )
शकुन्तला ( Shakuntala kavita ) घटा घनघोर घन घन बरसे,दामिनी तडके है तड तड। धरा की प्यास मिटती, तन मे जगती प्यास है हर पल। मिले दो नयन नयनो से, मचल कर कामना भडके। लगे आरण्य उपवन सा,अनंग ने छल लिया जैसे। भींगते वस्त्र यौवन से लिपट कर, रागवृंत दमके। रति सी…
छठ पूजा ( Chhath puja ) ऐसे मनाएं छठ पूजा इस बार, हो जाए कोरोना की हार। सामूहिक अर्घ्य देने से बचें, कोरोना संक्रमण से सुरक्षित हम रहें। किसी के बहकावे में न आएं- अपने ही छत आंगन या पड़ोस के आहर तालाब में करें अर्घ्य दान सूर्योपासना का पर्व यह महान मिले मनोवांछित संतान…
मेहनत से ही सुख मिलता है ( Mehnat se hi sukh milta hai ) हांथ पे हांथ रखकर बैठने से मंजिले नही मिला करती। छूना है आसमां अगर तुमको उड़ान तो भरनी होगी जीवन में कुछ करना है तो, तो तुमको आगे बढ़ना होगा। छोड़ के सारी सुख सुविधाएं, कठिन राह को चुनना होगा।…
लक्ष्मण मूर्छित ( lakshman moorchhit ) मेघ समान गर्जना करता हुआ मेघनाथ जब आया। अफरा-तफरी मची कटक में रचता मायावी माया। आया इंद्रजीत रणयोद्धा बाणों पर बाण चले भारी। नागपाश बंधे राम लखन भयभीत हुई सेना सारी। देवलोक से आए नारद जी गरूड़ राज को बुलवाओ। रघुनंदन नागपाश बंधन को प्यारे रामभक्त हटवाओ। महासमर…
ज़िन्दगी ( Zindagi ) कभी शोला, कभी शबनम, कभी मधुर झनकार ज़िदगी। कभी है तन्हाई का गीत, न जाने कब आयेंगे मीत, मिलन जब होगा परम पुनीत, धन्य जब होंगे नयन अधीर, लगती है अभिसार जिंदगी। बगीचे में जो रोपे फूल, बने फिर आगे चल कर शूल, नहीं मिलता है कोई कूल, जिगर के…
राज अपने भी हमसे छुपाने चले हैं लीक से हमको हटाने चले हैं, रीत नई वो निभाने चले हैं। मिटा ना सकेंगे निशां वो हमारे, दिलों में दूरियां बनाने चले हैं। महफिल जमाकर भुलाने चले हैं, यादों से अपनी मिटाने चले हैं। लेखनी का जादू भुला ना सकेंगे, तेवर यूं रूखा सा दिखाने चले…