फुटपाथ पर | Footpath par
फुटपाथ पर
( Footpath par )
( Footpath par )
बदलती फिज़ाए बदल गई है कितनी आज हमारे जीवन की आवोहवा पछुआई फिजां की तूफां में खोया है हमने जीने का गुर हाय-हेलो की कुरीतियों में छूट गया है हमारा आचार देसी व्यंजनों की थाली में फास्ट-फूडस की है भरमार शरमों-हया की पोशाकें अब दिखने लगी है पारदर्शी बदन पे मोबाईल प्रचलन की बेशर्मी…
न्यूज़ के नाम पर कुछ भी ? ( News ke naam par kuch bhi ) ‘बिंदास बोल’ के बहाने कुछ भी नहीं दिखा सकते, स्वतंत्रता का अनुचित लाभ नहीं उठा सकते। नफरती न्यूज पर सर्वोच्च न्यायालय की गाज गिरी है, सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम प्रसारण को- अनुमति नहीं मिली है। नफ़रत फैलाने वाले किसी…
नजरों का धोखा ( Nazron ka dhokha ) नजरें धोखा खा गई, कैसी चली बयार। अपनापन भी खो गया, गायब सब संस्कार। नजरों का धोखा हुआ, चकाचौंध सब देख। भूल गए प्रीत पुरानी, खोया ज्ञान विवेक। नजरों का धोखा हमें, पग पग मिला अपार। धूल झोंके नयनों में, वादों की भरमार। …
पिता के संग ( Pita ke sang ) पिता के संग देखे है कई रंग जीवन की आंख मिचोली वक्त के भिन्न रंग दिल में दबे पिता के अरमान आँखों में सजे सपने भूतकाल की जमीं गर्द भविष्य के उजले सवेरे की उम्मीद बांहों में खेलने से लेकर उनके काँधे तक पहुंचने का सफर जिंदगी…
भारतीय सेना का सिपाही हूं ( Bhartiya sena ka sipahi hoon ) तन से भले ही काला हूॅं लेकिन मन का मैं सच्चा हूॅं, भारत का नागरिक व भारतीय सेना का सिपाही हूॅं। नहीं हिन्दू हूॅं न मुस्लिम हूॅं नहीं सिख न ही ईसाई हूॅं, एक हाथ यह तिरंगा और दूसरे में बन्दूक रखता…
संत रविदास ( Sant Ravidas ) रैदास कहो रविदास कहो संतो के वचन निराले है। सदाचार सुधारस बरसता प्रभु जिनके रखवाले है। भक्तिभाव में रत रहते भजन निरंतर भजते रहते। पावन गंगा धारा से संदा मन के भाव रचते रहते। अमृतवाणी होठों से झरती रहती मधुर रसधार। सादगी से जीवन जीते…