गासो का प्रकाश | Gaso ka Prakash

गासो का प्रकाश

( Gaso ka Prakash ) 

 

एक रवि
जो हमें हर रोज दिखाई देता है
जो दिन में दिखाई देता है
एक रवि
जो हमें छोड़ कर चले गए
वो नहीं आयेंगे
उसका प्रकाश
दिन रात
हर वक्त
हर घड़ी
होता था
गरीबों और मजदूरों में
उन्होंने बुझे दिलों में
प्रकाश फैलाया
तुम कोई मक्का से आया हुआ
पैगम्बर मोहम्मद था।
प्रगति शीलता में मार्क्स था‌
सूफियों में फरीद सा
पता नहीं कहां चले गए
वो लौट कर नहीं आ सकते
उनके काम
हमेशा हमेशा जिन्दा रहेंगे।
सलाम बारम्बार ‌।।

 

Manjit Singh

मनजीत सिंह
सहायक प्राध्यापक उर्दू
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ( कुरुक्षेत्र )

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