
मिलके दीवाली मनायेंगे
( Milke diwali manayenge )
उसे घर आज अपने ही बुलायेंगे
उसे ही खीर उल्फ़त की खिलायेंगे
बढ़ेगा प्यार दीवाली से हर दिल में
सभी के साथ में दीपक जलायेंगे
मिटेंगे सब अंधेरे नफ़रतों के ही
मुहब्बत के यहाँ दीप झिलमिलायेंगे
ढलेंगे दिन वतन से ही गमों के सब
ख़ुशी हर चेहरे पे ही राम लायेंगे
दिवाली दें रही पैगाम उल्फ़त का
घरों पे दीप देखो जगमगायेंगे
भुला दो नफरतें दिल से सभी अपने
सभी मिलके ही दीवाली मनायेंगे
मुहब्बत का जलाकर दीप ऐ आज़म
गले इक दूसरे को ही लगायेंगे