![Gham Mile ya Khushiyan Gham Mile ya Khushiyan](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2023/11/Gham-Mile-ya-Khushiyan-696x465.jpg)
गम मिले या खुशियां
( Gham mile ya khushiyan )
गम मिले या खुशियां सदा मुस्कुराते रहो।
हंसी खुशी से जिंदगी सुहानी बिताते रहो।
खुश रहो हिल मिलकर सबको हंसाते रहो।
प्यार के अनमोल मोती जग में लूटाते रहो।
आशाओं के दीप जला विश्वास जगाते रहो।
भावों की गूंथी माला ले गीत कोई गाते रहो।
दुख सुख आते जाते हैं हौसला बढ़ाते रहो।
गम में भी पीर पराई सब कष्ट मिटाते रहो।
औरों की खुशियों में खुश हंसो हंसाते रहो।
मधुरम मुस्कान लबों पे सुहानी लाते रहो।
दिलों के जज्बात मन में राज छुपाते रहो।
शब्दों की सरिता मधुर आज बहाते रहो।
सुहावने बोल मीठे तराने कोई सुनाते रहो।
रसधार बहती ही जाए अफसाने गाते रहो।
मंद मंद हंसते-हंसते जिंदगी बिताते रहो।
गम मिले या खुशियां सदा मुस्कुराते रहो।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )